RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -05-Jan-2023

वो यादें

जिसने लूट लिया हमसे हमारा ही फ़साना
कैसे कहें मोहब्बत का वह अफसाना जहां
क़ीमत भी हमारी लगी थी और लूटे भी हम 
ही जा रहें थे कैसे ब्यान करें ‌‌‌‌‌‌जिंदगी का सफर 
जहां रूटे भी हम थे और मनाने को भी हम ही
उलझे जा रहे थे, वो यादें जो‌ हमारे जहन में 
बस गई थी उनको एक नया मुकाम दिए जा 
रहें थे, कैसे कहें उन‌ यादों को जो हमें अब भी 
जला रही है किसी के सफर में जब हम खो रहे हैं।
    राखी सरोज 

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14 Comments

Rajeev kumar jha

07-Jan-2023 08:02 PM

Nice

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RAKHI Saroj

07-Jan-2023 11:27 PM

धन्यवाद

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RAKHI Saroj

07-Jan-2023 11:26 PM

धन्यवाद

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Sachin dev

07-Jan-2023 02:33 PM

Nice

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RAKHI Saroj

07-Jan-2023 11:26 PM

धन्यवाद

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